शिमला में 300 और धर्मशाला में 200 नए स्मार्ट मीटर लग गए,2021-22 तक 24 लाख का लक्ष्य

शिमला
सांकेतिक तस्वीर
हिमाचल में पुराने बिजली मीटर बदलकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरुआत शिमला और धर्मशाला से हो चुकी है। बीते साल प्रदेश सरकार ने इन दोनों शहरों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित किया है। शिमला में 300 और धर्मशाला में 200 नए मीटर लगा भी दिए गए हैं। साल 2021-22 तक करीब 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का हिमाचल सरकार ने लक्ष्य रखा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए एलान किया कि अगले तीन सालों में सभी के लिए बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं को एक मोबाइल एप्लीकेशन अपने फोन पर डाउनलोड करनी होगी। इस ऐप की मदद से बिजली खपत की पूरी निगरानी हो जाएगी। मोबाइल ऐप के जरिये उपभोक्ता किसी भी समय यह जान सकेगा कि उसने अब तक कितनी बिजली की खपत की है।

स्मार्ट मीटर से बिजली की रीडिंग लेने के लिए बोर्ड के कर्मचारियों को उपभोक्ता के घर जाने की जरूरत भी नहीं होगी। बोर्ड कार्यालय से रिमोट मीटरिंग के माध्यम से बिजली की खपत का पता चल जाएगा। इस मीटर के माध्यम से ऑनलाइन ही रीडिंग ले ली जाएगी। लो वोल्टेज, बिजली बंद होने और बिजली चोरी करने की सूरत में कंट्रोल रूम में अपने आप जानकारी पहुंच जाएगी। यह मीटर इंटरनेट के माध्यम से कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे।

बकाया भुगतान न करने पर उपभोक्ता के घर जाने के बजाय टेलीफोन की तरह कंट्रोल रूम से ही कनेक्शन काट दिया जाएगा। इस स्मार्ट मीटर को उपभोक्ता प्रीपेड मीटर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे। प्रीपेड मीटर मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज हो सकेंगे। इसके अलावा बिल जमा करवाने का विकल्प भी उपभोक्ताओं को मिलेगा। एक स्मार्ट मीटर 2800 से 3000 रुपये में पड़ेगा। इसके लिए केंद्र सरकार करीब 1200 रुपये प्रति मीटर की सब्सिडी देगी। शेष राशि का खर्च राज्य बिजली बोर्ड और उपभोक्ताओं को उठाना पड़ेगा। पुराने बिजली के मीटरों की राशि उपभोक्ताओं के शेयर में ऐडजस्ट करने की योजना बनाई गई है।

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